ग़ज़ल / दबीर सीतापुरी
किरदार को मेराज पर पहुँचाओ तो जानें।
इक क़ौम में माबूद भी कहलाओ तो जानें।
माना बड़ा क़ाबू है ज़बाँ और मकाँ पर,
बे हर्फ़ अलिफ़ गुफ़्तगू फ़रमाओ तो जानें।
दुश्मन हो तहे-तेग़ बहुत-ख़ूब मगर हाँ,
अब ऐसे में सीने से उत्तर आओ तो जानेँ।
बाज़र्फ था क़ातिल ये कहे ख्वाहारे-मक़तूल,
यूं जंग के असबाब बजा लाओ तो जानें।
काबे में विलादत हो तो मस्जिद में शहादत,
यूं आओ तो इस तरह चले जाओ तो जानें।
प्रस्तुति : हसन इमाम ज़ैदी , दुबई
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Kirdar Ko meraj per pahuchao to Jane
Ek qoum me mabood bhi kahlao to Jane
Mana bada qabu hai zuban aur bayan per
Be Harfe alif guftugu farmao to Jane
Dushman ho tahey tegh bahot khoob magar Han
Ab aise me seene se utar aao to Jane
BaZarf tha qatil ye kahe qwahare maqtool
Yoon Jung ke aadab baja lao to Jane
Kabay me Wiadat ho to masjid me shahadat
Yoon aao to is tarah chale jao to Jane
-Dabeer Sitapuri
Ab aise me seene se utar aao to Jane
BaZarf tha qatil ye kahe qwahare maqtool
Yoon Jung ke aadab baja lao to Jane
Kabay me Wiadat ho to masjid me shahadat
Yoon aao to is tarah chale jao to Jane
-Dabeer Sitapuri
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