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बुधवार, 6 अगस्त 2014

दुआ ही से फ़क़त कटती नहीं ज़ंजीर मौलाना.../ --हबीब जालिब

दुआ ही से फ़क़त कटती नहीं ज़ंजीर मौलाना...


Gaza Under Attack – Nov 14, 2012 
Gaza Under Attack – July 23, 2014 In Photos
                                           बहुत   मैंने सुनी है आपकी तक़रीर मौलाना
मगर बदली नहीं अब तक मेरी तक़दीर मौलाना
खुदारा सब्र की तलकीन अपने पास ही रखें
ये लगती है मेरे सीने पे बन कर तीर मौलाना

नहीं मैं बोल सकता झूठ इस दर्ज़ा ढिठाई से
यही है ज़ुर्म मेरा और यही तक़सीर मौलाना

हक़ीक़त क्या है ये तो आप जानें और खुदा जाने
सुना है जिम्मी कार्टर आपका है पीर मौलाना


ज़मीनें हो वडेरों की, मशीनें हों लुटेरों की
ख़ुदा ने लिख के दी है आपको तहरीर मौलाना

करोड़ों क्यों नहीं मिलकर फ़िलिस्तीं के लिए लड़ते
दुआ ही से फ़क़त कटती नहीं ज़ंजीर मौलाना...

--हबीब जालिब

सोमवार, 21 जुलाई 2014

ग़ज़ल / हैरान कर मुझे..../ अफ़ज़ाल आजिज़ (पाकिस्तान)

ग़ज़ल / अफ़ज़ाल आजिज़ (पाकिस्तान)

हैरान कर मुझे मिरी आँखों में ख्वाब रख। 
अपने लबो-रुखसार के   सारे गुलाब रख। 

कितने सितम किये हैं लगाई है कितनी आग,
तू अपने ज़ुल्मो-जोर का कुछ तो हिसाब रख। 

थोड़ी सी कम तो कर मिरी आँखों की तिशनगी,
परदा उठा के दीद का जामे-शराब रख। 

घबराके गिर न जाएँ फलक से मओ-नुजूम,
इतना अयां न हो ज़रा रुख पे नक़ाब रख। 

अपनों की चाहतें नहीं मंज़ूर गर तुझे,
गैरों से मेल-जोल में कुछ तो हिजाब रख। 

आजिज़ से गर लगाव नहीं तुझको ना-सही,
लेकिन ज़रा संभाल के हुस्नो-शबाब रख।
'अख़बारे-जहाँ' उर्दू, कराची से साभार।